बी आर गंवाई होंगे अगले सी जे आई सुप्रीम कोर्ट के ,क्या है संबंध धारा 370,इलेक्टोरल बॉन्ड,नोटबंदी से , जानिए वो सबकुछ जो जरूरी है खासकर UPSC स्टेट PCS की तैयारी करने वालों के लिए
परिचय
बी आर गंवाई का जन्म महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में दिनांक 24 नवंबर 1960 को हुआ था। बी आर गंवाई बार में 16 मार्च 1985 को शामिल हुए।
कार्य अनुभव
वर्ष 1987 तक स्वर्गीय राजा एस भोंसले, पूर्व महाधिवक्ता और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के साथ काम किया ,तथा 1990 में उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून में बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच में प्रैक्टिस की ।वे नागपुर निगम, अमरावती नगर निगम ,और अमरावती विश्वविद्यालय के भी वकील रह चुके है,इस तरह से उन्होंने काफी जगह अपना योगदान वकील के रूप में दिया है।
योगदान –
नोटबंदी,धारा 370(पांच जजों वाली), , इलेक्टोरल बॉन्ड(पांच जजों वाली) कांस्टीट्यूशन बेंच का हिस्सा थे।जस्टिस गवई अनुसूचित जातियों(SC’s),अनुसूचित जन(ST’s) के लिए उपवर्गीकरण की अनुमति देने वाले फैसले का समर्थन किया था,2024 में अपराधियों के संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की आलोचना की थी,और कहा था कि बिना तय कानूनी प्रक्रिया के संपत्तियों को तोड़ना कानून का उल्लंघन है।इस तरह से उन्होंने देश की कानूनी व्यवस्था में अपना योगदान दिया है।
आखिर किसका स्थान लेंगे
वर्तमान मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना जो कि 13 मई तक कार्यकाल समाप्त करने के पश्चात सुप्रीम कोर्ट के परंपरानुसार अगले उत्तराधिकारी का नाम सरकार को भेज देते है ,इस आधार पर उन्होंने 52 वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के रूप में बी आर गंवाई का नाम भेज दिया है ।
भारत का मुख्य न्यायधीश –
भारत के सर्वोच्च न्यायालय का गठन 26 जनवरी 1950 को हुआ था,भारत के मुख्य न्यायधीश भारतीय न्यायपालिका तथा सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य अर्थात अध्यक्ष होता है,भारत का संविधान राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है कि वह अगले मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति निर्वतमान मुख्य न्यायधीश के परामर्श से 65 वर्ष की आयु तक या महाभियोग द्वारा हटा दिए जाने तक सेवारत रहे।
(निर्वतमान का अर्थ है पूर्व में जो इस पूर्व में इस मुख्य न्यायधीश के पद पर रहा हो)
आखिर कितने समय के लिए रहेंगे सी जे आई बी आर गंवाई
14 मई को शपथ लेने के बाद लगभग 6 महीने तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य करेंगे क्योंकि दिनांक 23 नवंबर 2025 को ये भी रिटायर हो जाएंगे ।
हम कुछ आसान बिंदुओं के माध्यम से भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति को समझ सकते है जो कि इस प्रकार है –
1. वह न्यायधीश सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठतम न्यायाधीश होना चाहिए ,तथा उस पद के लिए उपयुक्त माना जाना चाहिए।
2. भारत के अगले मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति के लिए भारत के केंद्रीय विधि, न्याय, कंपनी मामलों के मंत्री पहले पद पर रह चुके मुख्य न्यायधीशों से शिफारिश मांगेंगे।
3. निर्वतमान मुख्य न्यायधीशों से शिफारिश प्राप्त होने के पश्चात भारत के केंद्रीय विधि, न्याय, कंपनी मामलों के मंत्री प्रधानमंत्री के समक्ष रखेंगे ,जो कि नियुक्ति के मामले में राष्ट्रपति को सलाह देंगे।
4. अगर मुख्य न्यायधीश की नियुक्ति के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की योग्यता पर कोई संदेह है तो संविधान के अनुच्छेद 124(2) में परिकल्पित अनुसार अन्य न्यायधीशों से परामर्श लिया जाएगा।
भारत और अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय में समानता और अंतर
समानता
1. दोनों न्यायिक समीक्षा कर सकते हैं । |
2. दोनों को कानूनों को असंवैधानिक घोषित करने की शक्ति प्राप्त है। |
3. अपील का अंतिम न्यायालय है। |
4. केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर दोहरी अदालतों का एक ही ढांचा है। |
अंतर
भारत | अमेरिका |
1.क्षेत्राधिकार व्यापक है। | 1. क्षेत्राधिकार संवैधानिक मामलों तक सीमित है। |
2.भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को संसद द्वारा बढ़ाया जा सकता है। | 2.अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार संविधान तक ही सीमित है। |
3.अपीलीय क्षेत्राधिकार में सिविल, आपराधिक और संवैधानिक भी शामिल है। | 3.केवल संवैधानिक मामलों तक सीमित है। |
4. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय, न्यायिक प्रक्रिया का विरोधाभासी कानून प्रणाली का पालन करता है । | 4.जबकि अमेरीका न्यायिक जांच प्रणाली का पालन करता है । |
अगर जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट कर बताए और किस शख्शियत के बारे में मै जानकारी आपके समक्ष प्रस्तुत करूं।
Sucide ,जब जिंदगी में आत्महत्या का विचार या स्थिति आए तो क्या करे
धन्यवाद