भारतवर्ष में लाखों करोड़ों धार्मिक स्थल है और हर रोज करोड़ों लोग अपने घर से दूर किसी न किसी धार्मिक स्थलों में दर्शन के लिए जाते है,तो क्या आपने कभी सोचा है कि धार्मिक स्थलों में हजारों तरीके से आपको लूटा जाता है भक्ति के नाम पर इसलिए हमेशा सावधान रहें सतर्क रहें।

भारत की संस्कृति और परंपरा हजारों साल पुरानी है,पूरा संसार भारतीय सभ्यता और संस्कृति की दीवानी है ,जो आज तक अपनी पहचान बनाए हुए है ।दुनिया में लगभग 1.2 बिलियन(120करोड़) हिन्दू धर्म के लोग रहते है,जो दुनिया की कुल आबादी का लगभग 15 प्रतिशत है,जिसमें केवल भारत में कुल हिन्दू धर्म का लगभग 94 प्रतिशत,लगभग 1.1 बिलियन(110 करोड़) हिन्दू धर्म को मानने वाले लोग रहते है,आपको यह भी अनुभव हुआ होगा कि जब आप कहीं घूमने या दर्शन के लिए जाते है तो अक्सर यह महसूस होता है कि वहां प्रसाद बहुत महंगा दिया,चुनरी बहुत महंगी थी,आने जाने का किराया ऑटो वाले ने बहुत ज्यादा ले लिया ,इस तरह की चर्चाएं आपस में करना आम बात है, एक साधारण परिवार में इस वजह से तो लड़ाइयां तक हो जाती है,फिर वो एक अलग ही समस्या बन जाती है,तो आइए आज हम समझने की कोशिश करते है कि किस तरह से हम इन मुश्किलों से बच कर अपने पैसे सुरक्षित कर सकते है।क्या करे और क्या न करें ।
प्रश्न 1 – क्या आपको मंदिरों में प्रसाद लेकर जाना चाहिए?

उत्तर – दरअसल, यह भावनात्मक सवाल है,कोई भी भक्त चाहता है कि अगर वह किसी मंदिर में जा रहा है तो वह प्रसाद/चुनरी इत्यादि लेकर जाए,इसके लिए भक्त से प्रसाद के नाम पर कई बार मोटी रकम वसूली जाती है,दुकानदार द्वारा पूरा प्रसाद का सेट बनाकर रखा जाता है वो भी हर मंदिर के लिए अलग अलग प्रकार से ,लेकिन अगर आपको यह मालूम हो जाए कि आपका प्रसाद भगवान में चढ़ाने ही नहीं दिया जाएगा ,तो क्या आप ले जाएंगे ।इसे उदाहरण से समझते है ,मैं सत्य घटना है और मेरा खुद का अनुभव है।
एक बार मैं वर्ष 2019 में कोविड 19 के पहले शिरडी साईं मंदिर गया था वहां परिसर में जाते ही प्रसाद बेचने वाले की भीड़ लगी हुई थी ,और मुझे तरह तरह के ऑफर आए कि मात्र इतने रुपए में और मैने 800 रुपए का प्रसाद लिया,और वहां अंदर जाने पर साईं बाबा के दर्शन से पहले ही मुझसे मेरा प्रसाद ले लिया गया,मुझे यह अवसर ही नहीं मिला कि मैं भगवान में यह प्रसाद चढ़ा सकूं।और मेरा पैसा व्यर्थ चला गया।इसलिए आप कभी भी जितने भी बड़े मंदिर में जाते है तो आप प्रसाद न लें।और अगर आपकी इच्छा ही है लेने की तो आप मंदिर परिसर में पहुंचने के कुछ दूरी पहले से ही ले लें,और आपको जो चढ़ाना है,उतना ही लें ,जो कि आपको कम कीमत में मिल जाएगा ,अकसर हम यह सोच लेते है,भगवान के लिए इतना क्या सोचना ,लेकिन आप बेवकूफ बन रहे है,यह भी तो सोचिए ,भगवान ने आपको बुद्धि प्रदान किया है,वह भी नहीं चाहते कि आप बेवकूफ बने।अगर आपको यह जानने में समस्या है कि आपको प्रसाद लेना चाहिए या नहीं तो जो भी भक्त दर्शन करके आ चुके है,आप उनसे पूछ सकते है कि क्या भगवान में अपने हाथों से प्रसाद चढ़ाने दिया जाता है या नहीं,उसके बाद फैसला करें।
प्रश्न 2 – किसी भी स्थान में पहुंचने के लिए ऑटो/उबर या कुछ भी कैसे बुक करें?

उत्तर – अगर आप अपने खुद की गाड़ी से नहीं आए है तो निश्चित ही आपको ऑटो/कार बुक करनी होगी जगह तक पहुंचने के लिए,इसके लिए आप सबसे पहले एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर पहुंचकर गूगल या गूगल मैप की मदद से यह देख लें कि यह कितनी दूरी पर है,और किसी से पूछकर यह जानकारी लो कि यह किस दिशा में है,उसके बाद थोड़ा आगे लगभग 100-200 मीटर या किसी नजदीकी चौराहे तक जाकर वहां से बुक करे या सवारी के रूप में जाएं,और आपको ड्राइवर से बैठने के पहले ही कन्फर्म कर लेना चाहिए कि वह कितना किराया लेंगे,और जगह तक पहुंचाएंगे या बीच में ही किसी और ऑटो से जाना पड़ेगा ,कुछ भी समझ न आए तो आप उबर या किसी अन्य माध्यम से ऑनलाइन ऑटो या कार बुक कर लें क्योंकि यह आपसे एक निर्धारित किराया ही वसूल सकेंगे,इस तरह से आप हजारों रुपए बचा सकते है।
प्रश्न 3 – सावधान रहें सतर्क रहें धार्मिक स्थलों में (कहां और कैसे ठहरे?)

उत्तर – इसके लिए आप धर्मशाला का चयन करे,आप लोगों से पूछ सकते हैं,अगर आपको जानकारी है तो आप इंटरनेट के माध्यम से चेक करके बुक कर सकते है,बुक करते समय check इन और चेक आउट का समय जरूर पूछें,क्योंकि यह हर जगह के लिए अलग अलग होता है,अन्यथा आपसे एक दिन का अतिरिक्त किराया वसूला जाएगा।और बुक करने से पहले आप मोलभाव जरूर करें जिससे आपको कम से कम पैसे में अच्छी व्यवस्था प्राप्त हो,साथ ही होटल के बारे में जरूर चेक करे कि यहां कोई गलत काम तो नहीं होता वह आपके और आपके परिवार के लिए सुरक्षित है या नहीं।अंत में पेमेंट से पहले कमरे जरूर जाकर देख लें कि वह कैसा है,खिड़की है या नहीं इस तरह से आप एक सुरक्षित और किफायती कमरा ले सकेंगे।
प्रश्न 4 – अपना कीमती सामान,बैग या जूता चप्पल कहां रखे?

उत्तर – अगर आप डायरेक्ट किसी धार्मिक स्थल पर आए है तो आपको इसके लिए प्रबंधन द्वारा निशुल्क लाकर या ऐसे स्थान के बारे में पूछताछ कर ले की हम अपनी चीजें कहां रख सकते है ,अगर जब कुछ नहीं मिलता तो,तो जो साथ में ले जा सकते है जैसे मोबाइल पर्स इत्यादि वो साथ में सुरक्षित जगह पर रख लें।वैसे हर धार्मिक स्थलों में सामान्यतः व्यवस्था रहती ही है,इसके लिए आपको अलग से पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है।
प्रश्न – 5 खाना कहां खाए?

उत्तर – अगर आपको भूख लगी है या परिवार के साथ बाहर साथ में खाने का आनंद लेना चाहते है तो आप अगर महाप्रसाद मिल रहा है तो आप जरूर ग्रहण करे या संस्थान द्वारा निशुल्क या कम पैसे में प्रदान किया जा रहा है तो आप ग्रहण कर सकते है ,उसका भी अपना अलग मजा है। या आसपास थोड़ा आगे जाकर खाएं क्योंकि आप जितना स्थलों के नजदीक खाएंगे ,वो आपको उतना ही मंहगा पड़ेगा,इसके लिए आप किसी ऐसे लोगों से पूछे,जिनसे होटल का लेना देना नहीं है,सबसे अच्छा जो किसी होटल से निकल रहे है,खाना खाकर उनसे फीडबैक लेलें कि खाना कैसा है,कीमत कैसा है इत्यादि।
प्रश्न 6 – पूछताछ किससे करें?

उत्तर – अगर हम किसी नई जगह में हो तो हम यह जानकारी अवश्य होना चाहिए कि हमें किन चीजों के लिए किससे पूछना है जैसे हमें कहीं जाना है तो हम कार या ऑटो वाले से ना पूछे। अगर खाना है तो किसी होटल वाले से ना पूछे क्योंकि वह अपनी और आकर्षित करना चाहेगा।और पूछताछ करने के लिए आप शर्माएं नहीं, क्योंकि यह विषय जागरूकता का है,इससे आप अपने हजारों रुपय बचा सकते हैं और उसमें भी यह बहुत जरूरी है कि आप एक चीज की जानकारी किसी एक से लेकर ही उस पर भरोसा ना करें। उसके लिए आप दो-तीन लोगों से भी पूछ सकते हैं जिससे आप को यह सुनिश्चित हो जाए कि आपको सही जानकारी प्रदान हुई है।
प्रश्न 7 चोरी या लूटपाट से कैसे बचें?

उत्तर – अक्सर जब हम बाहर जाते हैं तो नए लोगों पर वहां के लोकल लोगों की नजर रहती है जो इस तरह के काम करते है,इसके लिए हर सदस्य जो साथ में उनकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए कि कौन सा सामान किसके देखरेख में है।इसके अलावा औरतें अपने साथ हैंडबैग लटका कर ना रखें, उसे सुरक्षित स्थान पर रखें,साथ ही ज्वैलरी कम से कम लाए,और पहनकर रखें भी तो वह आकर्षक न लगे,और पुरुष अपना पर्स या अन्य सामान सुरक्षित जगह पर रखें। जहां पर कोई जब ना काट सके।अपने साथ हमेशा कोई हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी पुलिस स्टेशन की जानकारी रखें कि अगर इस तरह की कोई घटना होती है तब तुरंत सूचित करें बिना देरी किए हुए।
प्रश्न 8 – अपने साथ क्या क्या लेकर जाएं?

उत्तर – कोई भी कीमती सामान जैसे गहने ,अधिक मात्रा में कैश या डॉक्यूमेंट साथ में लेकर नहीं जाना चाहिए ,जब तक यह अत्यंत जरूरी न हो। आवश्यकता से ज्यादा कपड़े किसी भी प्रकार से लेकर न जाए और कोशिश करें कि वजन का बंटवारा हो सके जिससे आप अगर अधिक लोग हैं तो किसी एक पर वजन ना आए और बैग़ की मात्रा भी एक निश्चित संख्या में होनी चाहिए, जिससे आपको हमेशा याद रहे कि हमारे साथ क्या-क्या समान है। याद रहे कि आवश्यकता से अधिक समान आपको ही नुकसान करेगा और यह आपके लिए यह भार साबित होगा। पानी के बोतल अक्सर कहीं छूट जाते है तो इसके लिए आप हल्के और अपेक्षाकृत सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले इस्तेमाल करें। जूते चप्पल बैग में अलग से रखने की आवश्यकता नहीं है अगर आप बस ट्रेन या किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग कर रहें है तो,इसके लिए आप एक आरामदायक मौसमानुसार जूते चप्पल का इस्तेमान करे।
प्रश्न 9 यात्रा का schedule कैसे बनाए ?

उत्तर – अक्सर पर्यटक यह गलती करते है कि वह अपनी यात्रा के तरीके को अच्छे से तैयार नहीं करते ,जिसका नतीजा यह होता है कि वह घर से निकलने के बाद बार बार प्लान बदलते है और अलग अलग सलाह लेने से यात्रा बाधित होती है ,इसके लिए यह जरूरी है कि हम अपना प्लान पहले से एकदम तैयार रखें,हा आप उसमें थोड़ी बहुत संशोधन की गुंजाइश रखे,लेकिन मोटे तौर पर यह तैयार होना चाहिए।
प्लान का आधार चरणदर यह होना चाहिए –
1 कुल दिनों/सदस्यों का निर्धारण
2 टिकट बुकिंग(आना – जाना)
3 प्रतिदिन घूमने की जगह का निर्धारण(नोट: प्रतिदिन जरूरी जगहों को चिन्हित कर उसे एंजॉय करें,बहुत अधिक भाग दौड़ न करें,खाना पीना आराम सबकुछ तय करें)
प्रश्न 10 – स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें?

उत्तर – जैसा कि आप जानते है कि आज के इस रसायन युक्त खान पान से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है,इसलिए आप खान पान,नींद अच्छे से पूरा करें।साथ ही अगर किसी को हृदय,ब्रेन, किडनी इत्यादि से संबंधित गंभीर बीमारियां है योग यात्रा से बचे।साथ ही अपने ग्रुप में एक first aid kit जरूर साथ रखे ,यह उसके पास होना चाहिए जो दवाइयों की जानकारी रखता हो ,जिसमें आप बुखार,दर्द,माइग्रेन, heart attack से बचने की दवा, इत्यादि अपने साथ रखें,जिससे जरूरत पड़ने पर हम समय से परिस्थिति संभाल सके और किसी नजदीकी अस्पताल तक पहुंचने का समय मिल सके ।दोस्तों इस लेख के माध्यम से आपको प्रश्नोत्तरी के माध्यम से समझाया गया है कि सावधान रहें सतर्क रहें का क्या अर्थ होता है,अगर यह लेख आपके लिए जरा भी उपयोगी साबित हुआ हो तो आप हमें कमेंट के माध्यम से सलाह दे सकते है,साथ ही इस लेख को पसंद या नापसंद कर हमें बता सकते है की मैं आपकी और क्या मदद कर सकता हूँ ।
यह भी पढ़ें:-
अस्वीकरण – यह लेख पाठकों की जागरूकता, स्वास्थ्य और यात्रा संबंधित जानकारी के लिए है जो कि सामान्य अनुभव पर आधारित है।