Sucide ,जब जिंदगी में आत्महत्या का विचार या स्थिति आए तो क्या करे

अगर आप सोच रहे हैं कि सुसाइड करके इस जिंदगी को खत्म कर लेता हूं मैं, तो एक बार यह आर्टिकल तो पढ़ ही सकते हैं,उसके बाद आप फैसला करिए ।पूरे विश्व में हर साल 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, जिसमें 135000 भारतीय है। भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का 17.5% है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में महिलाओं की आत्महत्या दर 16.4 प्रति एक लाख और पुरुषों की संख्या 25.8 प्रति एक लाख पर है, और यह भी देखा गया है कि वर्ष 2014 में परिवार की समस्याओं से जूझकर 28602 लोगों ने आत्महत्या की है,यह सबसे अधिक है।

 

आत्महत्या से तात्पर्य उन मामलों से है जो संबंधित व्यक्ति से सकारात्मक या नकारात्मक कार्य के कारण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मृत्यु का कारण बनता है इस स्थिति में पीड़ित को यह पता होता है कि इसका परिणाम क्या होगा ।

##आत्महत्या के प्रकार – एमिल दुर्खीम के अनुसार आत्महत्या चार प्रकार की पहचाने गए है

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1.अहंकारी आत्महत्या – ऐसा व्यक्ति जो सामाजिक रूप से बहिष्कृत होते हैं यह व्यक्ति समाज में अपना स्थान नहीं बना पाए साथ ही खुद को अकेला या बाहरी महसूस करते हैं उनकी परवरिश सामाजिक रूप से ढली नहीं होती है।

 

2.दूसरा परोपकारी आत्महत्या – जब सामाजिक समूह प्रबल रूप से एकीकृत होते हैं तब व्यक्ति सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए खुद को बलिदान करने के लिए तैयार हो जाते हैं व्यक्ति इस सोच से प्रभावित होता है कि वह सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने में असफल रहा है और वह खुद को मार लेता है उदाहरण जब कोई देश एक मिशन के तहत काम करता है तो टीम का कोई सदस्य यह सोचकर आत्महत्या कर लेता है कि मेरे पकड़े जाने से देश का उद्देश्य अधूरा रह जाएगा और देश मेरी वजह से हार जाएगा, वह देश के उद्देश्यों में विश्वास रखते हुए ऐसा कदम उठाता है।

3. भाग्यवादी आत्महत्या – जब व्यक्ति गुलाम या उत्पीड़न का शिकार होता है या उसे अत्यधिक सख्त नियमन में रखा जाता है तो व्यक्ति की स्वयं की या व्यक्तित्व की भावना खत्म हो जाती है, जहां व्यक्ति को यह महसूस हो सकता है कि भाग्य ने उसे इसी स्थिति में रहने के लिए नियत किया है ऐसी स्थिति में वह आत्महत्या को ही एकमात्र साधन चुनता है ।

4.एनोमिक आत्महत्या – यह आत्महत्या परिस्थितियों में अचानक और प्रचंड रूप से परिवर्तन की वजह से उत्पन्न होती है जैसे किसी व्यक्ति को अत्यधिक वित्तीय नुकसान उठाया हो ,आर्थिक मंदी के दौरान या प्राकृतिक आपदा के दौरान स्थिती बिगड़ गई हो ,ऐसे समय में आत्महत्या की दर बढ़ जाती है जिसमें व्यक्ति को यह महसूस होता है कि वह वापस सामान्य स्थिति में नहीं आ सकता है ,तब वह आत्महत्या का विकल्प चुनता है।

आईये अब मैं आपको बताता हूं कि आप आत्महत्या क्यों करने का सोच रहे हैं। अगर इसमें से कोई कारण है तो उसका समाधान भी है पहले आप पढ़िए इसे?

1.उधारी या दिवालियापन की वजह से

2. कैरियर, बेरोजगारी की समस्या

3. एक्स्ट्रा, मैरिटल अफेयर( पति-पत्नी का धोखा देना)

4.अवैध गर्भावस्था

5. बलात्कार, शारीरिक शोषण

6. संपत्ति विवाद

7. आत्म सम्मान को क्षति या बेइज्जती सहन न कर पाना, 8.नशा दवाओं का दुरुपयोग या गलत लत

9. किसी अपने को खो देना

10.किसी असहनीय बीमारी की वजह से

11.परीक्षा में असफलता या मां-बाप की उम्मीद पर खरा ना उतरना

12.प्यार में असफलता या मां-बाप का ना समझना 13.नपुंसकता बांझपन

14. दहेज की वजह से

15. तलाक या विवाह संबंधित समस्या

16. मां-बाप की बेइज्जती का कारण अगर हम स्वयं है

17. घरवालों का दबाव या कैद कर रखना।

18.किसान की समस्या

19. ब्लैकमेल

20.अन्य समस्या

https://youtu.be/3aYMKYEpn3M?si=28kJIwNmQnmqN8nG

निष्कर्ष – दोस्तों सच यही है कि आप जिस स्थिति में हो वास्तव में वो असहनीय है ,मुझे पता है अगर मैं आपको ये कहूंगा कि आपको चीजें नहीं समझ रही या आप तनाव की वजह से आप नहीं सोच पा रहे कि क्या निर्णय लिया जाए,तो आप यही सोचोगे की ,इसको क्या समझेगा ,जिसपे बीत रही वही जनता है,और मैं पूरे होशों हवास में हूं !

 

 

लेकिन मेरे दोस्त आप मेरा यकीन करके देखो अगर मेरी बात सच नहीं हुई तो ,भगवान मुझे नर्क भेज दे,और मैं कभी खुश न रहूं,आप खुद को समय दो एक हफ्ते कुछ महीने,और बस दुनिया की परवाह किए बगैर अपना मूल्य समझो,और सोचो कि क्या मैं इतना कमजोर हूं ,क्या मैं परिस्थितियों से लड़ नहीं सकता ,और सकारात्मक तरीके से सोचकर आगे बढ़ो,मेरा यकीन करो आपको इतनी एनर्जी मिलेगी न ,की आपकी दुनिया बदल जाएगी ।

अगर इस पोस्ट से किसी को कुछ राह दिखती है तो मुझे कमेंट करके जरूरी बताए।धन्यवाद।

 

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